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कविताएँ नहीं जज्बात लिखती हूँ
अपने दिल के हालात लिखती हूँँ।
कान्हा की मुरली की पुकार,
राधा की पायल की झंकार लिखती हूँ।
लिखती हूँ मरकर जीनेे की बात,
करती हूँ साँसो में उनकी गुहार
खोकर भी न खोने की बात लिखती हूँ।
कविताएँ नहीं जज्बात लिखती हूँ
माँँगती हूूँ पलपल उन्हें ही
अपने दिल के हालात लिखती हूँँ।
कान्हा की मुरली की पुकार,
राधा की पायल की झंकार लिखती हूँ।
लिखती हूँ मरकर जीनेे की बात,
करती हूँ साँसो में उनकी गुहार
खोकर भी न खोने की बात लिखती हूँ।
कविताएँ नहीं जज्बात लिखती हूँ
माँँगती हूूँ पलपल उन्हें ही
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