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घर घर दीपों की अवली है
आज दीवाली है।
कार्तिक मास, अमावस की रात
पटाखे फुलझड़ियों की बारी है
आज दीवाली है।
पंच दिवसीय त्योहार है आया,
वस्त्र अलंकार से मन हर्षाया,
निशा बड़ी उजियाली है
आज दीवााली है।
धनपति कुबेर, लक्ष्मी गणेश
खील बताशे,कमल विशेष,
पूजा होने वाली है
आज दीवाली है।
चौदह बरस वनवास के बाद,
श्री राम आए थे घर को आज,
अयोध्या जिनकी राजधानी है
आज दीवाली है।
आज दीवाली है।
कार्तिक मास, अमावस की रात
पटाखे फुलझड़ियों की बारी है
आज दीवाली है।
पंच दिवसीय त्योहार है आया,
वस्त्र अलंकार से मन हर्षाया,
निशा बड़ी उजियाली है
आज दीवााली है।
धनपति कुबेर, लक्ष्मी गणेश
खील बताशे,कमल विशेष,
पूजा होने वाली है
आज दीवाली है।
चौदह बरस वनवास के बाद,
श्री राम आए थे घर को आज,
अयोध्या जिनकी राजधानी है
आज दीवाली है।
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