
Share0 Bookmarks 79 Reads1 Likes
ये आवाज मेरी कोई सुन रहा
वो नही मैं जो बोल रहा
वो सब जो मैं नहीं बोल पा रहा
क्या कहा
कुछ कहा नहीं
अब कहें क्या कैसे किसको
कोई सुने तो जो हम कहे नहीं
ये रात हुई
ठंड और यादों ने घेर लिया
या ठंडी पड़ी यादों ने घेर लिया
कभी अलाव जलाए
इन यादों के सहारे
तूफान बर्फिले कई गुज़ारे
आज़ादी नहीं कही
उन चिड़ियों की तरह
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments