नहीं भूलता's image
Share0 Bookmarks 47545 Reads0 Likes

राग कितने भी हम गुनगुनाते रहें,

वो वतन का तराना नहीं भूलता |

 

चैन की नींद अब मुझको आती नहीं,

लोरियों का सुनाना नहीं भूलता |


आज थाली में कितने भी पकवान हों,

माँ के हाथों का खाना नहीं भूलता |

 

चाहे कद में या पद में बड़े हो चले,

मेरा बचपन पुराना 

No posts

Comments

No posts

No posts

No posts

No posts