Maa ka hona's image
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अभिव्यक्ति की सीमा से है जो परे

भावना वो अनूठी जगाती है माँ


मेरे होने में उसका भी होना सदा

गूँज बनकर ह्रदय में समाती है माँ 


खुद की पीड़ा भले कितनी सहती रहे

दर्द संतान के सह न पाती है माँ


भूल

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