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हम ख़राबों से भी ख़राब हो गये

Vaishali (Gangotri)Vaishali (Gangotri) January 20, 2022
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यूं अदीब बने कि किताब हो गये

कितनेचेहरे यहाँ बे-नक़ाब हो गये

 

हमने बढ़के हक़ की जो दो बात की

हम ख़राबों से भी ख़राब हो गये 


वो जो दुनिया में आके हुए लाडले

बस इसी बात के वो नवाब हो गये

 

ये वफ़ा दोस्ती आसमानी है सब

अब तो रिश्तों के भी हिसाब हो गये

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