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हे प्रभु! अवतार धरो
अब सृष्टि का उद्धार करो
मानवता मर चुकी है जहाँ
वहाँ के विकार का
अब तुम उपचार करो
हे प्रभु !अवतार धरो
हे प्रभु! अवतार धरो
मानव का कल्याण करो
इस सृष्टि का उद्धार करो
हे प्रभु !अवतार धरो
अभी कौन सा रूप देखना बाकी है
कलियुग का
अभी कलियुग को कितना काला होना बाकी है
अभी मानव को कितना और कितना
गिरना बाकी है
अभी अधर्म और कितना बढ़ना बाकी है
जानता हूँ स्वरचित है भाग्य हमारा
अगर कर्म ही अनुचित है
तो कैसा होगा भविष्य हमारा
अब बस करो ये खेल मानवता का
बन गया है पूरा भारतवर्ष आधार अधर्म का
हे प्रभु !अवतार धरो
अब सृष्टि का उद्धार करो
अब सृष्टि का उद्धार करो
मानवता मर चुकी है जहाँ
वहाँ के विकार का
अब तुम उपचार करो
हे प्रभु !अवतार धरो
हे प्रभु! अवतार धरो
मानव का कल्याण करो
इस सृष्टि का उद्धार करो
हे प्रभु !अवतार धरो
अभी कौन सा रूप देखना बाकी है
कलियुग का
अभी कलियुग को कितना काला होना बाकी है
अभी मानव को कितना और कितना
गिरना बाकी है
अभी अधर्म और कितना बढ़ना बाकी है
जानता हूँ स्वरचित है भाग्य हमारा
अगर कर्म ही अनुचित है
तो कैसा होगा भविष्य हमारा
अब बस करो ये खेल मानवता का
बन गया है पूरा भारतवर्ष आधार अधर्म का
हे प्रभु !अवतार धरो
अब सृष्टि का उद्धार करो
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