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एक बार आप चलना शुरू कर देते हैं।तो रास्ता मिल ही जाता हैं।लेकिन बहुत से लोग हैं।जो कभी चलना शुरू ही नहीं करते इस डर से की शायद मंजिल मिले या ना मिले धीरे धीरे यह डर इतना बढ जाता हैं।की वह इंसान चलना ही भुल जाता हैं।लेकिन बुद्धिमान इंसान वह हैं।जो चलना शुरू कर देता हैं।जहाँ तक रास्ता दिखे वहाँ तक तो चलो बाकी रास्ता चलते चलते दिख जायेगा और अक्सर यही होता हैं।जब आप चलना शुरू कर देते हैं।तो रास्ते मे ही नया रास्ता दिखने लगता हैं।नया रास्ता भी आपको उसी रास्ते पर चलने के बाद दिखता हैं।इसलिए चलना सबसे महत्वपूर्ण हैं।रूकना मना हैं।#
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