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जीने की चाह रख

Umesh UpadhyayUmesh Upadhyay March 25, 2022
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जीने की चाह रख, साँसे संभाल।
हँस के दिखा दे, कर दे क़माल।

ज़िन्दगी सवारने की ज़िद्द, ठान ले।
उठा कदम, दिखा बन के मिशाल।

रख यक़ीन, सब सही है।
खुद में भर उर्जा, कमी दे निकाल।

दृढ़ इच्छाशक्ति के आगे, मुश्किलें हारेंगी।
बस जुनून जितने का, लेते रहे उबाल।

नई सुबह आएगी, ये तय है।
सपने सजा, अंदर ख्वाहिशें उछाल।

उमेश उपाध्याय

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