बुलडोजर के आगे's image
Kumar VishwasPoetry1 min read

बुलडोजर के आगे

Umesh ShuklaUmesh Shukla June 14, 2022
Share0 Bookmarks 69 Reads0 Likes



कब तक बुलडोजर के आगे


नतमस्तक रहेंगे सब कारकुन


आखिर क्यों नहीं याद आते हैं


उन्हें देश के विविध कानून


क्या उन सबकी निगाह में अब


कालातीत हो गया है संविधान


जिसमें निहित प्रावधानों से उन्हें


मिला पद और विशेष संस्थान


क्या सभी न्यायालयों के सामर्थ्य


से उठ गया समूचे तंत्र का भरोसा


खुद को दंडाधिकारी मानकर वे


आरोपियों को देने लगे हैं सजा


न्याय पालिका के अस्तित्व पर


अब अराजकता के मेघ गहराए


बड़ी चुनौती सम्मुख होकर उससे


अब सही न्याय की गुहार लगाए


No posts

Comments

No posts

No posts

No posts

No posts