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जिसके लिए हूँ कुर्बान, वही खफा है मुझसे ,
करुँ तो क्या करुँ मैं ? समझाना बहुत है मुश्किल ।
खुद्दार हैं सभी हम, खुद्दारी मेंरा न समझा ,
इल्जाम उलझनो का, मिटाना बहुत है मुश्किल ।।
देश है हमारा , वतन का हम रखवाले ,
गुजरे हुए वो गर्दिश, समझाना बहुत है मुश्किल ।
जिसके लिए हूँ
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