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मासूमों की लालबत्ती

तुषार "बिहारी"तुषार "बिहारी" March 4, 2023
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रूके थे जब लाल बत्ती पर,
नजर पड़ी उन मासूमों पर ।

वो मांग रहे थे हाथ फैलाकर,
भगा दिया जा रहा था उन्हें फटकारकर ।

नम थी आंखे यह सब देखकर,
दिल बैठा जा रहा था यह सब सोचकर ।

वो बच्चे तो थे, 
पर उनसे बचपन की यादें छीनी जा चुकी थी ।

वो मासूम तो थे, 
पर उनसे मासूमियत छीनी जा चुकी थी ।

कहते भी किससे, 
इजाजत उनके परिवार की जो थी ।

जाते भी कहां, 
जिम्मेदारियां उनके कांधों पर जो थी ।

: तुषार "बिहारी"

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