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अपनी भाषा से मोह
लेती है हिन्दी,
अपने जज़्बातों से जोड़
लेती है हिन्दी,
हृदय के भाव का वर्णन
करती है हिन्दी,
सरलता से शब्दों का लेन देन
करती है हिन्दी,
दुख को मिटाने का अनुभव
रखती है हिन्दी,
सुख में खुशियां लुटाने की कला
रखती है हिन्दी,
अपनी बातें साझा
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