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"मैं हूँ आज की नारी"
दबती न,आवाज़ उठाती
मुझमें न निर्बलता,
सभी निभाती ज़िम्मेदारी
मैं हूँ आज की नारी!
सूझ-बूझ से घर को चलाती
सूझ-बूझ से दुनिया,
खुलकर अपनी राय बताती
मैं हूँ आज की नारी
मैं माँ हूँ, मैं गुरु,मैं पत्नी
मैं ही हूँ अन्नपूर्णा,
रक्षक बनकर देश बचाती
म
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