मैं हूँ आज की नारी's image
Poetry1 min read

मैं हूँ आज की नारी

Bharti TripathiBharti Tripathi November 28, 2021
Share0 Bookmarks 216142 Reads0 Likes

"मैं हूँ आज की नारी"


दबती न,आवाज़ उठाती

मुझमें न निर्बलता,

सभी निभाती ज़िम्मेदारी

मैं हूँ आज की नारी!


सूझ-बूझ से घर को चलाती

सूझ-बूझ से दुनिया,

खुलकर अपनी राय बताती

मैं हूँ आज की नारी


मैं माँ हूँ, मैं गुरु,मैं पत्नी

मैं ही हूँ अन्नपूर्णा,

रक्षक बनकर देश बचाती

No posts

Comments

No posts

No posts

No posts

No posts