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आत्मा और बौद्धिकता के बीच का एकांत अनंत विभाजनग्रस्त होता है,
वो अनुभवों से प्रेरित है,
उन्मुद्र ।
कुछ जो सारी बौद्धिकता त्याग कर आत्म हो उठता है,
वो स्वत्व है
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आत्मा और बौद्धिकता के बीच का एकांत अनंत विभाजनग्रस्त होता है,
वो अनुभवों से प्रेरित है,
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कुछ जो सारी बौद्धिकता त्याग कर आत्म हो उठता है,
वो स्वत्व है
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