
Share0 Bookmarks 131 Reads0 Likes
देखो ना,
देखो कैसे बंद दरवाज़े हैं,
दरवाज़ों से खुलते दरवाज़े,
एक के पार एक,
दरवाज़ों से खुलते दरवाज़े,
दरवाज़े घिरी हैं दीवारों से,
दीवारों पे खिड़की है,
खिड़की के ऊपर रोशनदान है,
रोशनदान से आती है रोशनी,
रोशनी और ख़ुशबू,
ऐसे जैसे कि आकाश नीला हो क्षितिज तक,
उरेके हुए No posts
No posts
No posts
No posts
Comments