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देखो ना,
देखो कैसे बंद दरवाज़े हैं,
दरवाज़ों से खुलते दरवाज़े,
एक के पार एक,
दरवाज़ों से खुलते दरवाज़े,
दरवाज़े घिरी हैं दीवारों से,
दीवारों पे खिड़की है,
खिड़की के ऊपर रोशनदान है,
रोशनदान से आती है रोशनी,
रोशनी और ख़ुशबू,
ऐसे जैसे कि आकाश नीला हो क्षितिज तक,
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