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क्या दिन थे ना वो
कितने लम्हें
हमने एक दूसरे की
सरगोशी में बिताए थे।
तुम जो फूँक मार के
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कितने लम्हें
हमने एक दूसरे की
सरगोशी में बिताए थे।
तुम जो फूँक मार के
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