अनकही बातें's image
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मैं कुछ कहना चाहता हूँ यही मेरी व्यथा रही

अक्सर सोचता हूँ कुछ नहीं कहना हो तो कितना अच्छा हो

शांत एकदम 

कुछ तो राहत मिले इस जद्दोजहद से

ख़्याल नहीं आए एक भी 


सोचते- सोचते माथे का बल सीने पे उग आता है

और मैं

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