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रातों रात गोदाम बदल दिया गया
ज़रूरी चीज़ों का दाम बदल दिया गया
डर और तमाशे तरह तरह के दिखाके
एक आदमी..आम..बदल दिया गया
हाकिम की ज़िद थी सज़ा देनी ही देनी है
सो सरेआम इलज़ाम बदल दिया गया
जवाब नहीं आया तो उस बेचारे की क्या खता?
नाहक ही कासिद का काम बदल दिया गया
ज्यूं ही नाम का पता चलता...
..पता चलता, गुमनाम बदल दिया गया
गिरोह में बदमाश की ताजपोशी की खबर पे
उसके सर पे रखा ईनाम बदल दिया गया
किसी का फोन आया, जाने किसका फोन था
सारा इंतजाम, ताम झाम बदल दिया गया
-अमित गुप्ता
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