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मेरे हर गली दयार मे इश्क की ब्यान हो तुम फिरदौस
स्वर्ण मंदिर, ताज की चमकती मीनार हो तुम फिरदौस
गंगा-यमुना की सीरत मे मिलती इलाहाबाद हो तुम फिरदौस
गुलाब की कबा,गुलशन की असास हो तुम फिरदौस
मेरे उदास दरवाजों को छूती सुबह की ब्यार हो तुम फिरदौस
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