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प्यार की गहराई ना समझते हुए भी,
गहराई से प्यार कर पाना,
फ़ितरत हैं हर प्रेमी की, पहले प्यार पर समर्पित हों जाना,
जिसे बचपन का प्यार कहते हों तुम, बचकाना वो होता नहीं,
जिस शिद्दत से वो किया जाता हैं, उस शिद्दत की सीमा नहीं,
उस एहसास में जितनी नादानी हैं, उतनी ही सच्चाई भी,
जितनी ज़िद हैं उसे पाने की, उतनी कोशिशों में गहराई भी,
जितना आसान समझते हों तुम, उनके बीच आकर्षण,
उतना मुश्किल हैं निभाना, देखकर हकीक़त का दर्पण,
जिन्हें तुम केवल ख्याली पुलाव मानते हों,
किसी के दिल का सार हैं वो, तुम नहीं जानते हों,
तुम्हारी नज़रों में वो उनकी नादानी हैं,
दुनिया की हकीक़त को ही, तुमने हकीक़त मानी हैं,
तभी नहीं समझते तुम, उस मासूम दिल की बात,
झूठ रहित होते हैं, बचपन के प्यार के ज़ज्बात,
कसूर तुम्हारा भी नहीं, क्योंकि हकीक़त में जीना ही जीना हैं,
यहाँ मोल भविष्य की कीमत का हैं,
प्यार नहीं उनके लिए कोई नगीना हैं
गहराई से प्यार कर पाना,
फ़ितरत हैं हर प्रेमी की, पहले प्यार पर समर्पित हों जाना,
जिसे बचपन का प्यार कहते हों तुम, बचकाना वो होता नहीं,
जिस शिद्दत से वो किया जाता हैं, उस शिद्दत की सीमा नहीं,
उस एहसास में जितनी नादानी हैं, उतनी ही सच्चाई भी,
जितनी ज़िद हैं उसे पाने की, उतनी कोशिशों में गहराई भी,
जितना आसान समझते हों तुम, उनके बीच आकर्षण,
उतना मुश्किल हैं निभाना, देखकर हकीक़त का दर्पण,
जिन्हें तुम केवल ख्याली पुलाव मानते हों,
किसी के दिल का सार हैं वो, तुम नहीं जानते हों,
तुम्हारी नज़रों में वो उनकी नादानी हैं,
दुनिया की हकीक़त को ही, तुमने हकीक़त मानी हैं,
तभी नहीं समझते तुम, उस मासूम दिल की बात,
झूठ रहित होते हैं, बचपन के प्यार के ज़ज्बात,
कसूर तुम्हारा भी नहीं, क्योंकि हकीक़त में जीना ही जीना हैं,
यहाँ मोल भविष्य की कीमत का हैं,
प्यार नहीं उनके लिए कोई नगीना हैं
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