
सपने पूरे करने बच्चे, सात समुन्दर पार गए।
जीते जी तन्हाई चुन, मां बाप जिन्दगी हार गए।।
बड़े शौक से उन्हें पढ़ाया,
मेहनत से भविष्य चमकाया।
फिर भी कसर रही बाकी तो,
कर्जा ले हर मोल चुकाया।।
जिस दिन हुई पढ़ाई पूरी, समझा हो उद्धार गए।
जीते जी तन्हाई चुन, मां बाप जिन्दगी हार गए।।
किया नौकरी को 'एप्लाई',
काल 'एम एन सी' से आई।
छ: महीने की 'ट्रेनिंग' लेकर,
'यू एस ए' को निकले भाई।।
अति उत्साहित थे अन्तर में, सपने हो साकार गए।
जीते जी तन्हाई चुन, मां बाप जिन्दगी हार गए।।
उन्नत देश भा गया उनको,
साथी वहीं पा गया उनको।
भूल गए घर, मात-पिता को,
ऐसा नशा छा गया उनको।।
चमकाने अपने भविष्य को, छोड़ उन्हें मंझधार गए।
जीते जी तन्हाई चुन, मां बाप ज़िन्दगी हार गए।।
उंगली पकड़ चलाया जिनको,
वो ही उंगली छोड़ गए वो।
पाला जिन्हें सहारे खातिर,
सभी सहारे तोड़ गए वो।।
उम्मीदों से हार, सुबकते, इन्तजार के पार गए।
जीते जी तन्हाई चुन, मां बाप ज़िन्दगी हार गए।।
सपने पूरे करने बच्चे, सात समुन्दर पार गए।
जीते जी तन्हाई चुन, मां बाप ज़िन्दगी हार गए।।
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