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रास्ते जिन्दगी के...

Thakur Yogendra SinghThakur Yogendra Singh January 6, 2022
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जनवरी से दिसम्बर, तक का सफर है जिन्दगी,

आंसुओं की ओस सी, भीगी डगर है ज़िन्दगी।

साल-दर-सालों के, झंझावात से हो बेफिकर,

डूबते, उतराते पलों का, ही बसर है जिन्दगी।।

...

जिन्दगी में छांव भी है, धूप भी, बरसात भी,

शीत भी है, ताप भी है, घात भी, प्रतिघात भी।

है कहीं खुशियां मिलन की,तो जुदाई का सितम,

बातों में खामोशियां, खामोशियों की बात भी।।

...

हैं धरा पर जीव जितने, जल में,थल में,और नभ में,

जिन्दगी के अर

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