
Share0 Bookmarks 61 Reads0 Likes
ओ जाने वाले,इस दुनियां पर, इतनी इनायत कर जाना।
जाते-जाते जो जख्म दिए,उनमें कुछ मरहम भर जाना।।
...
सब दुःखी दिलों की,साथ अपने,संताप,वेदना ले जाना।
हमको फिर से आरोग्य जमीं, निर्दोष आसमां दे जाना।।
...
हम खुली सांस लेने को भी, दो वर्षों से मोहताज रहे।
घर से लेकर चौराहों तक,निशदिन विषाणु सरताज रहे।।
...
जो हर विषाणु बेअसर करे,कुछ ऐसी औषधि दे जाना।
हमको फिर से आरोग्य जमीं, निर्दोष आसमां दे जाना।।
...
जो बिछड़े अपनों से, उनकी,पीड़ा, दुःख, दर्द बांट लेना।
जो बचे भुक्तभोगी,
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments