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छोड़कर हर कामना को, दिल ने पाली ये खुशी है,
जोड़कर संभावनाओं को, मिटाई बेबसी है।
दिन का सुकून, नींद रातों की उड़ाई तो ये जाना,
एक सपने के, सफल होने की कीमत ज़िन्दगी है।।
हम जो अक्सर सोचते हैं, सब कहां होता है पूरा,
जोर कितना भी लगा लो,कुछ न कुछ रहता अधूरा।
चाह, इच्छा, कामनाएं, तो निरंतर रंग बदलतीं,
कोई जादू की छड़ी भी, कर न सकती इनको पूरा।।
कोई आकांक्षा जो,बचपन से करे बैचेन मन को,
नींद आंखों की उड़ा दे, भेद डाले जो जहन को।
जो छले मस्तिष्क को,बनकर खुली आंखों का सपना,
झौंक दे तन मन तो इक दिन,पायगा उस सुखद छण को।।
होता नहीं साकार,हर सपना किसी का भी,कभी भी,
किन्तु कोई एक को चुन लो, जो अन्तर की खुशी है।
बस उसी को जिन्दगी का, लक्ष्य तय करके संवारो,
एक सपने के, सफल होने की कीमत ज़िन्दगी है।।
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