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खामोशी है खतरनाक हथियार,न इसका वार करो।
लड़ो, झगड़ लो, नाराजी या गुस्से का इजहार करो।।
खामोशी से एक अघोषित, युद्ध सदृश छिड़ जाता है।
जब अनचाही रोषयुक्त, वाणी से मन चिढ़ जाता है।।
दोष, रोष, आक्षेप अनर्गल, अवगुण गाए जाते हैं।
अनुपयुक्त, अनचाहे जब, आरोप लगाए जाते हैं।।
नहीं समझ पाता कोई, तब दर्द हृदय के घावों का।
आहत होते रिश्तों का,घायल आन्तरिक लगावों का।।
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