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कसमों की हो रही तिजारत, वादों का व्यापार यहां,
झूठे अनुमोदन से चलता, सच्चा हर व्यवहार यहां।।
सबसे सस्ती "कसम आपकी", दूजी है "भगवान कसम",
तीजा नम्बर "मां-बापू" का, चौथा है "परिवार"यहां।।
बिना कसम के आश्वासन हो, तो वादे कहलाते हैं,
वचन, प्रतिज्ञा, प्रण, करार, इसके पर्याय बताते हैं।
पूरे करने की सिरदर्दी, नहीं यहां लेता कोई,
केवल वक्त टालने की, खातिर ही बोले जाते हैं।।
रूठे को तुरत मनाने में, फल रामवाण सा देते हैं,
झूठे का झूठ छिपाकर ये, उसकी पीड़ा हर लेते हैं।<
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