दोस्ती के नाम...'s image
Poetry1 min read

दोस्ती के नाम...

Thakur Yogendra SinghThakur Yogendra Singh June 21, 2022
Share0 Bookmarks 45311 Reads0 Likes

दो हस्ती के मिलन से, पड़ा दोस्ती नाम।

सच्ची हो गर दोस्ती, बनते बिगड़े काम।।

...

एक दूसरे के लिए, रहें सदा तैयार।

ना ही कुछ एहसान हो, ना कोई उपकार।।

...

निर्मल मन, निस्वार्थ ही, रहे जहां व्यवहार।

कैसी भी विपदा पड़े, पड़ती नहीं दरार।।

...

पर मिलता ही कहां है, अब ऐसा संयोग।

अपने ही हित कार्य में, व्यस्त सभी हैं लोग।<

No posts

Comments

No posts

No posts

No posts

No posts