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जमीं पर बीज जो पड़ता वो उगता,फूलता,फलता,
तना, शाखाएं बढ़कर, वृक्ष का आकार लेता है।
उगा जो बीज गमले मे, रहा वो वृद्धि से वंचित,
बनावट में वो केवल, वृक्ष का आभास देता है।।
...
सिखाया जो किताबों ने, पढ़ा जो पाठशाला मे,
नहीं वो जिन्दगी की, हकीकत से मेल खाता है।
नियम,आदर्श,आदर,प्यार,शिष्टाचार तक सीमित,
रहा जो,जिन्दगी के द्वन्द में वो पिछड़ जा
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