
आये हैं जो इस दुनियां में,उनको इक दिन जाना ही है,
सदा सृष्टि से चलती आई है जो रस्म, निभाना ही है।
अपने अपने जीवन का विधिलेख,सभी करते हैं पूरा,
आदम के अविरल अरण्य में, अपनी राह बनाना भी है।।
कहां यहां आसान रास्ते, जीने के सबको मिलते हैं,
भाग्यवान ही होते हैं वो, जिनके मार्ग स्वयं खुलते हैं।
अतिशय तो पथ में, कंटीली झाड़ी, खाई, चट्टाने हैं,
जो प्रयास कर पार निकलते,उनके ही भविष्य खिलते हैं।।
जो निराश होकर बैठेंगे, नहीं सफलता वो पाएंगे,
जीवन पथ पर अचल रहे तो,नहीं लक्ष्य तक जा पाएंगे।
सत्कर्मों से जन -गण-मन का हित साधे वो ही जीवन है,
आखिर में किरदार निभाकर, सब अनन्त में खो जाएंगे।।
हम भी अपने जीवन में, कुछ कर पाए तो याद रहेंगे,
अन्जानों के मीत रहेंगे, स्वजनो के हित संवाद रहेंगे।
अगर किसी को जोड़ सके अपनी अभिव्यक्ति,भावनाओं से,
तो उसके अन्तर में एक, अनगढ़ कवि की फरियाद रहेंगे।।
जाने से पहले दुनियां में एक निशानी छोड़ जाएंगे,
जीवन के संघर्षों की लयबद्ध कहानी छोड़ जाऐंगे।
पढ़ने वालो! मत घबराना किसी समस्या से जीवन में,
हर एक पहेली के हल की,तरकीब सुहानी छोड़ जाएंगे।।
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments