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अनन्त पथ के पथिक...

Thakur Yogendra SinghThakur Yogendra Singh June 10, 2022
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जितने चाहे दुर्ग बना लें, अन्तरिक्ष में ध्वज लहरा लें।

परमाणू अस्त्रों की छाया में खुश होकर दिल बहला लें।।

किन्तु अंततः निर्वासन का ताप सभी को ही ढोना है।

राजा हो या रंक, जमीं पर खाक सभी को ही होना है।।

...

पद, गरिमा अति अधिकाई हो,महल,अटारी,ऊंचाई हो।

धन,साधन,बल भरपाई हो,किसी धर्म का अनुयायी हो।।

अग्नि-पुंज या वसुधा-पट में, राख सभी को ही होना है।

राजा हो या रंक, जमीं पर खाक सभी को ही होना हैं।।

...

नि

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