
ऐसा नहीं कि मुझको तेरी फिक्र ही नहीं।
ऐसा नहीं कि तेरा कहीं जिक्र ही नहीं।।
तुझको बहुत करीब से पहचानता हूं मैं।
सबसे अजीज तुझको अपना मानता हूं मैं।।
तू है तो मेरा दिन सुखद है, शांत रात है।
तेरे बिना मेरी कहीं भी क्या बिसात है।।
मेरा वजूद तुझसे ही है, जानता हूं मैं।
सबसे अजीज तुझको अपना मानता हूं मैं।।
तू साथ है तो क्या है जो कि बूझता नहीं।
तेरे बिना तो कुछ भी मुझको सूझता नहीं।।
यूं ही गली गली की खाक छानता हूं मैं।
सबसे अजीज तुझको अपना मानता हूं मै।।
तेरी खुशी ही मेरी खुशी है, बहार है।
हर पल यही लगे कि तेरा इन्तजार है।।
तेरे लिए तो कुछ भी मन में ठानता हूं मैं।
सबसे अजीज तुझको अपना मानता हूं मैं।।
तू है जहां वहीं तो मेरा भी निवास है।
तेरी हर एक चाह ही मेरा प्रयास है।
तेरी ही कामनाओं की समानता हूं यै।
सबसे अजीज तुझको अपना मानता हूं मै।।
ऐसा नहीं कि मुझको तेरी फिक्र ही नहीं।
ऐसा नहीं कि तेरा कहीं जिक्र ही नहीं।।
तुझको बहुत करीब से पहचानता हूं मैं।
सबसे अजीज तुझको अपना मानता हूं मैं।।
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