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अदभुद मिलन सागर
प्रेम रस बखान हो
राधा के कृष्ण
मीरा के श्याम हो
जगाए आस मनो में
संयम का आवाह्न हो
प्रेमलीला हो जब भी
धरा अंबर एक समान हो
मुरली धुन पे नृत्य करे
करे नृत
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अदभुद मिलन सागर
प्रेम रस बखान हो
राधा के कृष्ण
मीरा के श्याम हो
जगाए आस मनो में
संयम का आवाह्न हो
प्रेमलीला हो जब भी
धरा अंबर एक समान हो
मुरली धुन पे नृत्य करे
करे नृत
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