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सजन तोरी आवे याद ||ध्रु ||
बादल बरसे, नैना तरसे
अंग अंग बिजली
देवे साद!
सजन तोरी आवे याद || १ ||
छलत रही मोहे
बैरन रात,
चंदा चले जाना
सुरज के बाद!
सजन तोरी आवे याद || २ ||
सर-सर आवे
हवा गुलाबी
हाथों मे नही
तेरा हाथ!
सजन तोरी आवे याद || ३||
रचनाकार : गणेश कुलकर्णी (समीप)
मोबाईल नंबर :9518047449
तारीख : 14th Sep 2021,@5.46 pm. (शाम मे)
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