Share0 Bookmarks 49216 Reads0 Likes
अकसर विचारधारा पे सवाल उठते हैं।
दक्षिणपंथी हो या वामपंथी हो?
साम्यवादी हो या समाजवादी हो ?
मुस्लिम हो या फिर काफिर हो ?
बहुसंखी बोली क्यों बोलूं ?
एक रंग की चोली क्यों ओढुं ?
मेरे विचार तो बहती धारा हैं।
एक विचारधारा से क्यों जोडूं ?
मैं राम भी हूं, ज़रा रावण भी।
मैं पांडव हूं, ज़रा कौरव भी।
मैं गौतम हूं, महावीर भी हूं।
अशोक हूं मैं, सिकंदर भी।
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments