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सोचा न था कभी इतने तन्हा हो जायेंगे
बातें तो खूब करते है, पर दिल की न कह पाएंगे
ऐसा नहीं के एतबार नही उन पे
पर इस हालात का हल वो भी क्या कर पाएंगे ।
मशरूफ है हर कोई यहां अपनी ज़िंदगी संवरने मे
जीतने अपनी तकलीफों से, लड़ने अपनी परेशानियों से
खुद ही जो खुशियां तलाश रहे है,
क्या मेरा गम बांट पाएंगे ?
यूं तो कभी किसी से कहते नही,
बातें तो खूब करते है, पर दिल की न कह पाएंगे
ऐसा नहीं के एतबार नही उन पे
पर इस हालात का हल वो भी क्या कर पाएंगे ।
मशरूफ है हर कोई यहां अपनी ज़िंदगी संवरने मे
जीतने अपनी तकलीफों से, लड़ने अपनी परेशानियों से
खुद ही जो खुशियां तलाश रहे है,
क्या मेरा गम बांट पाएंगे ?
यूं तो कभी किसी से कहते नही,
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