वोह नाराज़ है's image
Story3 min read

वोह नाराज़ है

SwatiSwati March 12, 2022
Share0 Bookmarks 43694 Reads0 Likes


यू तो हम एक दूसरे को कई सालों से जानते थे,

पर हमारी जान पहचान एक करीबी गीतकार मित्र के द्वारा हुई।

मुझे याद नहीं मैं फिर उस से कब और कहां मिली। कब हमारा एक करीबी रिश्ता बन गया, पता ही नही चला।


वो अक्सर रात को मेरे सिरहाने आ बैठती। बातें की शौकीन थी, हर बार नई बात छेड़ लेती। जब तक बात उसके मुताबिक पूरी नही जाए, मजाल है के मैं सो जाऊं ? जब कभी मेरी आंख लग जाती, तो कच्ची पक्की नींद में उसकी आवाज़ मेरे कानो में गूंजती रहती। कभी कभी तो मुझे नींद से जागा कर अपनी बात पूरी करती । बड़ी जिद्दी थी, मेरी तरह।


थोड़े ही दिनों में हमारा रिश्ता बोहुत गहरा हो गया था। मैने उसे अपने कुछ करीबी दोस्तों से मिलवाया था। पहली बार में ही उसने सब का दिल जीत लिया। एक दिन मैं उससे बिन बताए अपने एक करीबी दोस्त की महफिल में ले गई और सब से उसको रूबरू करवाया। कुछ ही पलों में उसने सब को मोह लिया, सब उसकी तारीफ करते नही थक रहे थे। उसके सच्चे साफ शब्दो ने हर एक का दिल छू लिया। मैं बोहोत खुश थी।पर शायद वो घबरा गई, शायद अभी वो सब के सामने आने के लिए त्यार नही थी।


No posts

Comments

No posts

No posts

No posts

No posts