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बस एक बार गुज़रे वक्त में वापिस जाना है
हर पल जिसकी सज़ा मिल रही है, वो एक गलती सुधार आऊंगा
न उनसे प्यार होगा और न यह तन्हाई
यादों का हर पल बदल आऊंगा
एक ख्वाब में उनसे फिर मुलाकात हुई
एक पल में होश गया, और तेज़ धड़कनों की रफ्तार हुई
वही चेहरा, वही अंदाज़, वही जादू
हाय, इस पर हर बार सदके जाऊंगा
आंख खुली तो यह अहसास हुआ
यह गलती नही इश्क है
ख्वाब हो यां हकीकत,
हर हाल में यही अंजाम पाऊंगा ।
_स्वाति शर्मा
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