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काँच सा नाज़ुक था दिल,
एक जोहरी की मोहब्बत ने हीरा बना दिया
पर हीरा बनना आसान न था
हर चोट के साथ दिल थोड़ा सा टूटा
दर्द में सराबोर, ज़रा ज़रा सख्त बना दिया
कब कहां कितनी चोट करनी है,
जोहरी को खूब मालूम था
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