
चलो फिर से रंग भरते है,
चलो, फिर से दोस्ती करते है।
भूत के पन्नो पे नजर डालते है,
यादों के झरोखों को पाते है।
चलो फिर से दोस्ती के रंग भरते है,
चलो फिर से दोस्ती करते है।
डर से सामना मिलकर करते है,
एक कदम साथ और चलते है।
आओ यादों के रंग भाते है,
चलो, फिर से दोस्ती करते है।
विश्वास के पायदानों पर फिर चढ़ते है,
एकबार एक दूसरे को फिर से पढ़ते है।
आओ खुशी की वजह बनते है,
चलो, फिर से दोस्ती करते है।
चलो यादों को समेट के जाते है,
खुशी के आंसू फिर से लाते है।
चलो एकबार फिर से रूबरू हो जाते है,
चलो, फिर से दोस्ती करते है।
मिलकर बादल धरा बन जाते है,
जीवन की एक सांस बन जाते है।
आओ यादों के रंग भरते है,
चलो, फिर से दोस्ती करते है।
होने वाली गलतियों को माफ करते रहना,
हुई गलतियों को दिलों दिमाग से साफ करते रहना।
चलो कलियुग के कृष्ण अर्जुन बन दिखलाते है,
चलो फिर से दोस्ती का चक्र घुमाते है।
चलो मित्रता का अनंत चक्र बन जाते है,
जिसका ना कोई छोर समझ पाते है।
चलो फिर से रंग भरते है,
चलो फिर से दोस्ती करते है, चलो फिर से दोस्ती करते है। ~सुयश कुमार
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