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नारी के प्रति

SURYA PRAKASHSURYA PRAKASH March 7, 2023
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ईश्वर की अनुपम, अद्भुत कृति।

हे सावित्री ! सीता ! हे सती !!

हो रानी लक्ष्मीबाई तुम ।

काली बनकर के आयीं तुम ।।


परहित करने वाली देवी ।

वीरों जैसी , काली देवी ।।

दुष्टों के नाश हेतु आयीं ।

तुम चिरसजीव तुम स्थायी।।


प्रेम तुम्हारा जीवित है ।

ना सीमित अरे असीमित है ।।

प्रेयसी हो तुम , संसार कहे ।

अबला नारी प्रतिकार सहे ।।


है प्रेम तुम्हारा मातृ रूप ।

शक्ति तुम में, ज्यों कोटि भूप ।।

जब प्रेयसी हो , तुम शान्त नदी ।

यदि भूप बनी हिल जाये सदी ।।


नारी ही राष्ट्र विधाता है ।

वो सब जन की सुखदाता है ।।

माता ही दिशा पुत्र को दे ।

फिर पुत्र राष्ट्र निर्माण करे ।।


नारी ने सभी सुधार दिये ।

अति मूढ़ पुरुष भी तार दिये ।।

'तुलसी' इसके प्रत्यक्ष प्रमाण ।

उनको , पत्नी ने दिया ज्ञान ।।


नारी का यौवन सुन्दरतम ।

उससे भी सुन्दर उसका मन ।।

हैं दया , शील और क्षमादान ।

ये नारी में हैं विद्यमान ।।


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