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सर्दी का मौसम जो आया
सूरज़ को भी आलस आया।
कोहरे की चादर में लिपटा,
धीरे धीरे वो नभ मे आया ।
पिटारे में अपने वो,
किरणें और धूप भी लाया।
सरसों जैसी पीली धूप ,
मन को बहुत लोभाती धूप ।।
-सुरूचि सल्हौत्रा
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