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भारत माता तुम्हे प्रणाम,
हम सब हैं तुम्हारी संतान।
रुप अनेक भेष अनेक,
फिर भी हम सब हैं एक।
उच्च हिमालय तुम्हारा ताज,
कल कल नदियां बहतीं साथ।
बारी-बारी ऋ
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भारत माता तुम्हे प्रणाम,
हम सब हैं तुम्हारी संतान।
रुप अनेक भेष अनेक,
फिर भी हम सब हैं एक।
उच्च हिमालय तुम्हारा ताज,
कल कल नदियां बहतीं साथ।
बारी-बारी ऋ
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