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सुन्दर रुप इस धरा का,
आंचल जिसका नीला आकाश,
उस पर चांद सूरज़ की बिंदियों का है ताज़,
सूरज़ की किरणें धरा को चमकाती,
सारी कलियां खिल जाती,
चिड़ियां भी चहकाती,
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सुन्दर रुप इस धरा का,
आंचल जिसका नीला आकाश,
उस पर चांद सूरज़ की बिंदियों का है ताज़,
सूरज़ की किरणें धरा को चमकाती,
सारी कलियां खिल जाती,
चिड़ियां भी चहकाती,
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