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आज साल का आखिरी दिन है,
ये फिर विदा हो जाएगा।
नए साल का नया दिन,
फिर नयी उमंगे लाएगा।
चारों ओर खुशियां होगीं,
सुस्त न कोई कहलाएगा।
नये साल का उगता सूरज,
नयी उम्मीदें लाएगा।
-सुरुचि सल्हौत्रा
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