साहस और मैं's image
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सीधी सादी सौम्य सुलहरें

कभी सुनामी लहर समंदर

पलट कभी फिर यह न कहना

साहस नहीं है ,मेरे अंदर


कभी सुनहरी धूप सुलभ सी

कभी जला भी सकता दिनकर

पलट कभी फिर यह न कहना

साहस नहीं है, मेरे अंदर


कभी फुहार

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