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जो सोच रहे हैं वही बोल भी पाए
ऐसी माध्यम हिंदी भाषा है।
संस्कृत की संतान है जहां ये
फारसी की शहजाता है।
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जो सोच रहे हैं वही बोल भी पाए
ऐसी माध्यम हिंदी भाषा है।
संस्कृत की संतान है जहां ये
फारसी की शहजाता है।
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