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जब सोच के बाहर सोचा तो
पाया खुद को
कल्पना से परे ,
संभावनाओ से पूर्ण,
उत्साह से लबरेज
और एक अंतहीन जीवन।
जब सोच के बाहर सोचा तो...
पाया,
एक स्वछंद अंतर
एक निः स्वार्थ मित्र
एक परमार्थ चरित्र
और एक अनंत जीवन।
जब सोच के बाहर सोचा तो...
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