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साधारण सी बात है,
असाधारण बनना चाहती हूं
नव प्रस्फुटित कलियों को,
फूलों में खिलते देखना चाहती हूं
बस इतनी सी बात है ,
मैं शिक्षक बनना चाहती हूं
बंधी बधाई सोचों से,
ऊपर उठना चाहती हूं
अंतर्मन की जागृति से,
सृष्टि रचना चाहती हूं
साधारण सी बात....
बस इतनी सी.....
अनंत क्षितिज का लक्ष्य हो,
ऊंची सबकी उड़ानें हों
ज्ञान आंनद की सरिताओं का,
संगम अब
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