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कौवा करे जहां कांव कांव
समझ लो आ गया
मेरा गांव ।1।
जहां बिना पेड़ के
मिल जाता है छांव
ऐसा है मेरा गांव ।2।
जहां मिलेगा न
ब्रेड न पाव
ऐसा है मेरा गांव ।3।
जहां बेइज्जती के साथ
होता रहा है चाव
ऐसा है मेरा गांव ।4।
जहां लोग कहेंगे थोड़े
दिन के लिए और रुक जाओ
ऐसा है मेरा गांव ।5।
जहां लोग रोते हुए
कहेंगे बाए बाए
फिर कौवा करेगा
कांव कांव
ऐसा है मेरा गांव ।6।
।। शिवम तिवारी।।
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